Top Guidelines Of sidh kunjika
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Favourable Vitality: It tends to make the energy of the individual chanting it truly good. This good Vitality adjustments the general aura of someone.
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
शृणु click here देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥